खो-खो खेल संवारेगा खिलाडियों का भविष्य- एमएस त्यागी
नई दिल्लीः इंटरनेशनल खो-खो कोचिंग कैंप 2020 के बारे में जानकारी देने के लिए सोमवार को कॉन्फ्रेंस हॉल सीएसओएल केजी मार्ग नई दिल्ली पर प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। एशियन खो-खो फेडरेशन के प्रेसिडेंट राजीव मेहता, इंटरनेशनल खो-खो फेडरेशन के प्रेसिडेंट सुधांशु मित्तल के नेतृत्व में इस प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें फेडरेशन द्वारा किए जा रहे खो-खो कोचिंग कैंप के बारे में अहम जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि फेडरेशन के अथक प्रयास से मिट्टी में खेले जाने वाला खेल आज मेट पर खेला जा रहा है और इस खेल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने कोचिंग कैंप के माध्यम से खिलाड़ियों को बेहतर शिक्षा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एशियन खो-खो फेडरेशन के प्रेसिडेंट राजीव मेहता ने कहा कि दोनों फेडरेशन के सहयोग से शीघ्र ही खो-खो देश की पहचान बनेगा और इसका लाभ सीधे खिलाडियों को होगा। प्रेसिडेन्ट सुधाशु मित्तल ने कहा कि खो-खो गेम को गली-गली से उठा कर राष्ट्रीय स्तर का खेल घोषित कराने के लिए फैडरेशन पूरी मेहनत के साथ कार्य कर रही है।
एमएस त्यागी ने बताया कि कोचिंग कैंप 23 फरवरी से शुरू हुआ था और 20 मार्च को इसका समापन होगा। इस कैंप के अंदाज 21 देशों ने हिस्सा लिया जिसमें पांच देश ऐसे भी शामिल हुए जो पहले से ही एशियन गेमों में खेल रहे है। निदेशक सुभाष कुमार ने कहा कि पहले खो-खो खिलाडी अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहते थे इस वजह से वें खो-खो को खेलने के लिए उत्साहित नही रहते थे, लेकिन अब ऐसा नही है। अब खो-खो के खिलाडियों का भविष्य बेहतर है और उनको प्रशिक्षित कर कुशल खिलाडी बनाया जा रहा है। इस बात का प्रमाण इस कैप में प्रशिक्षण ले रही टीमों के खिलाडियों का उत्साह है। हम इसे ज्यादा ज्यादा देशों को शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं इसमें कामयाबी मिलने के बाद हम एशियन गेम्स फेडरेशन को इस गेम को सूची में शामिल करने के लिए कहेंगे।
खो खो गेम को शिखर तक ले जाने के लिए खो खो फेडरेशन ऑफ इंडिया और एशियन फेडरेशन ऑफ इंडिया का बहुत बड़ा योगदान है। जिसमें सुधांशु मित्तल, राजीव मेहता और एमएस त्यागी इस गेम को आज एक आगे ले जाने के लिए अहम किरदार निभा रहे हैं।